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ईश्‍वर पर गुनाह थोपने का दुस्साहस

अजेय
अजेय
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एक तो दर्जनों गरीबों की मौत का गुनाह दूसरे खुद को पाक-साफ बताने का अपराध्। प्रतापगढ़ के कृपालुजी आश्रम में गुरुवार को हुए हादसे के बाद मंदिर प्रशासन की ओर से जो बयान जारी किया गया है वह दुखद ही नहीं है बल्कि शर्मसार करने वाला भी है। मंदिर प्रशासन की ओर से बयान आया है कि मौतों के लिए ईश्‍वर जिम्‍मेदार हैं, अब इस बयान को सयानापन कहा जाय कि मूर्खता। जिस ईश्‍वर के नाम पर कलियुगी महागुरुओं की दुकान चल रही है वे अपनी गर्दन बचाने के लिए उसे ही गुनहगार बताने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। ऐसे लोगों को कौन बताये कि उनकी हर एक श्‍वांस ईश्‍वर की देन है जिस दिन उनका साया हट जायेगा उस दिन न इंसान रहेगा और न ही यह विश्‍व। हादसे के बाद मंदिर प्रशासन को अपनी खामियों को स्‍वीकार कर लेना चाहिए वहीं कृपालु महराज को भी इस गुनाह के लिए ग्रामीणों के समक्ष अपराधबोध से भी उन्‍हें गुरेज नहीं करना चाहिए क्‍योंकि जो होना था वह हो गया लेकिन हकीकत से मुंह छिपाने के बजाय गरीबों के दुख-दर्द में शरीक होकर अपने किये पर पछतावा करना चाहिए। वहीं प्रशासन को भी अपनी जिम्‍मेदार स्‍वीकार कर पीडि़तों को आर्थिक मदद व अन्‍य व्‍यवस्‍था करानी चाहिए।

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