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यह बात आमतौर पर सामने आती है कि दहेज की मंडी में दूल्हे बिक रहे हैं, पर यहां तो बीबी (दूल्हन) खरीदने के लिए कतार लगी है। ऐसे जरूरतमंदों की लाचारी का लाभ उठाने वाला गिरोह सक्रिय है। इसके द्वारा कतिपय लोगों को महज कुछ हजार रुपये में पत्नी की चाहत पूरी की गई जबकि कइयों को बेवकूफ बनाकर ठग लिया गया।
मामला जिले के पटरंगा थाना क्षेत्र का है। इस क्षेत्र के ग्राम धमौरा निवासी टिर्री व उसका भाई सुखराम पांच से बीस हजार रुपये की कीमत में कुंआरे व विधुरों को लड़कियां मुहैया कराने का धंधा कर रहे हैं। टिर्री ने इसी क्षेत्र के जुनैदपुर निवासी विकलांग संतराम यादव को ताजा शिकार बनाया। उसने छह हजार रुपये लिए और कुछ पलों में बिहार से लाई गई लड़की दिलाने का भरोसा देकर घर से निकला। काफी देर इंतजार के बावजूद वह घर नहीं लौटा। शाम को टिर्री इस उम्मीद के साथ घर आया कि संतराम व उसके साथ आए लोग चले गए होंगे पर वह लोग मौजूद थे।
लड़की न दिलाने व रुपये हड़पने से नाराज लोगों ने उसकी पिटाई कर दी। इसके बाद उसे अपने गांव लेकर चले गए। इस बीच टिर्री की मां ने पटरंगा पुलिस को बेटे के अपहरण की जानकारी दी। पुलिस मौके पर पहुंची तो इस हकीकत का पता चला। इसके बाद टिर्री को हिरासत में ले लिया है। पूछताछ में पता चला कि आरोपी ने रामजीत पुत्र सहदेव निवासी आलनमऊ टिकैतनगर, बाराबंकी व वहीं के बहादुर पुत्र नन्हकू तथा रामबरन निवासी लालगंज दरियाबाद, बाराबंकी समेत दर्जनों लोगों से छह-छह हजार रुपये लड़की दिलाने के नाम पर लिए गए हैं। कुछ लोगों को पांच से दस हजार रुपये लेकर लड़किया मुहैया भी कराए जाने की खबर है। बताते हैं कि टिर्री का भाई सुखराम करीब डेढ़ साल पूर्व बिहार से एक लड़की ले आया था। उसे उसने स्वयं रख लिया है। उसी को दिखाकर उसने कइयों से ठगी की है।
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