- 55 Posts
- 275 Comments
अन्ना हजारे के बहाने ही सही अर्से बाद देश में भ्रष्टाचार के विरोध में बयार बही। जिस साधारण व्यक्ति के असाधारण प्रतिभा को केंद्र सरकार हवा की मानिंद ले रही थी, वही आज सरकार के लिए खतरे की घंटी बन चुके हैं। उनके समर्थन में क्या बूढ़े क्या जवान, छात्र, कर्मचारी और व्यापारी भी सड़कों पर उतर रहे हैं। ऐसे में यह कहना समीचीन होगा कि कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थ्ार तो तबीयत से उछालो यारो। फिलहाल इन दिनों देश में एक नया माहौल बन चुका है। लोग भ्रष्टाचार के विरोध में कम से कम आवाज तो मुखर कर रहे हैं लेकिन ऐसे में जरूरत है एक और जमीनी प्रयास की जिससे भ्रष्टाचार रूपी राक्षस का नाश हो सकता है। इसी महौल में समाज के कुछ जागरूक लोग संगठित होकर दूसरी मुहिम भी चला सकते हैं। यह मुहिम अस्पतालों, सरकारी कार्यालयों, पुलिस थानों और अन्य उन हर प्रतिष्ठानों पर चलनी चाहिए जहां रोजाना आम जनता किसी न किसी रूप में जाने को विवश होती है। उसकी इसी विवशता का लाभ उठाकर सरकारी अहलकार हों या अधिकारी, सब ठगते हैं। इसका प्रतिकार कर समाज को एक नई दिशा दी जा सकती है। इतना ही नहीं यदि अन्ना को समर्थन दे रहे लोग ही यह संकल्प लें कि वह न तो घूस देंगे और न लेंगे, तो देश में एक नई सुबह आ सकती है। यह काम बहुत कठिन भी नहीं है, जरूरत इस बात की है कि हम भ्रष्टाचार का रस्मी विरोध करने के बजाए खुद ईमानदार बनें। ऐसा होने से निसंदेह हमारा देश फिर से सोने की चिडि़या बन सकता है। गरीब-अमीर हर कोई खुशहाल होगा। समाज में बढ़ रही कटुता पर अंकुश लगेगा।
जयहिंद
Read Comments